रे मन मूर्ख कब तक जग में जीवन व्यर्थ बिताएगा।
रे मन मूर्ख कब तक जग में जीवन व्यर्थ बिताएगा। राम नाम नहिं गाएगा तो…
Read Moreरे मन मूर्ख कब तक जग में जीवन व्यर्थ बिताएगा। राम नाम नहिं गाएगा तो…
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Read Moreरे मन मूर्ख कब तक जग में जीवन व्यर्थ बिताएगा। राम नाम नहिं गाएगा तो…
Read Moreघनश्याम तुझसे अर्ज है कुछ ऐसा मेरा सुधार हो। इस तन को तेरी तलाश हो…
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Read Moreघनश्याम तुझसे अर्ज है कुछ ऐसा मेरा सुधार हो। इस तन को तेरी तलाश हो…
Read Moreउल्फ़त नशे का ज़िद सभी सच्चा गुरूर होगा। परमात्मा उसी दम जाहिर जरूर होगा॥ अधमों…
Read Moreउल्फ़त नशे का ज़िद सभी सच्चा गुरूर होगा। परमात्मा उसी दम जाहिर जरूर होगा॥ अधमों…
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Read Moreप्रभो अपने दरबार से अब न टालो। गुलामी का इकरार मुझसे लिखा लो॥ दीनानाथ अनाथ…
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