बाँका झूला सिय साजन कारी,
बाँका झूला सिय साजन कारी, मोतिनहार, बंदनवार, हीरे हज़ार की कतार। बार-बार छवि निहार, रतिपति…
Read Moreबाँका झूला सिय साजन कारी, मोतिनहार, बंदनवार, हीरे हज़ार की कतार। बार-बार छवि निहार, रतिपति…
Read Moreजिनकी मधुर मोहनी शोभा लखि दृग होत निहाल, जो ब्रजवासिन के प्रिय बल्लभ सखा स्नेही…
Read Moreये सच है मोहन कृपा न करते, तो कौन अधमों को फिर बचाता। अगर न…
Read Moreसदा अपनी रसना को रसमय बनाकर, हरि हर, हरि हर, हरि हर जपाकर। इसी जप…
Read Moreपतझड़ न खिज़ां है न गर्द ओ गुबार है, दीवानों की ज़िन्दगी में सदा ही…
Read Moreजाता कभी स्वभाव न खल का, कितना ही सत्संग करे वह सुजन साधु निर्मल का।…
Read Moreकराल कलिकाल में जो तेरा, न हरि के सुमिरन से प्यार होगा। तो फिर बता…
Read Moreहाँ मेरा मोहन मुरली वाला। हाँ मेरा नन्द-नन्दन ब्रज ग्वाला। जिसे गोद में नन्द खिलाएँ,…
Read Moreप्रेम ही है अपना सिद्धांत, जिसने बना दिया है जीवन अम्र कल्प कल्पान्त। जप तप…
Read Moreमैना: अरे तेरी इक इक श्वास अनमोल, रे मन तोता! हरि-हरि बोल। तोता: रसना ज्ञान…
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