भजन श्यामसुंदर का करते रहोगे।
भजन श्यामसुंदर का करते रहोगे। तो संसार सागर से तरते रहोगे॥ कृपानाथ बेशक मिलेंगे किसी…
Read Moreभजन श्यामसुंदर का करते रहोगे। तो संसार सागर से तरते रहोगे॥ कृपानाथ बेशक मिलेंगे किसी…
Read Moreभजन श्यामसुंदर का करते रहोगे। तो संसार सागर से तरते रहोगे॥ कृपानाथ बेशक मिलेंगे किसी…
Read Moreग़ुलाम ग़र्चे ख़ता बेशुमार करते हैं। मगर दयालु न उस पर विचार करते हैं॥ जो…
Read Moreग़ुलाम ग़र्चे ख़ता बेशुमार करते हैं। मगर दयालु न उस पर विचार करते हैं॥ जो…
Read Moreहमेशा दीनों को छोड़कर भी लुभा जो करते हो चार बातें। तुम्हें भी यह शौक…
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Read Moreरे मन! द्रुति श्वांस पुकार रही जय राम हरे घनश्याम हरे। तव नौका की पतवार…
Read Moreरे मन! द्रुति श्वांस पुकार रही जय राम हरे घनश्याम हरे। तव नौका की पतवार…
Read Moreन मैं घनश्याम तुमको दुःख से घबराकर छोडूंगा। जो छोडूंगा तो कुछ भी तमाशा कर…
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