इधर लली है, उधर श्याम लला!! होली में।
इधर लली है, उधर श्याम लला!! होली में। देखो दोनों क्या रंग दिखाते हैं होली…
Read Moreइधर लली है, उधर श्याम लला!! होली में। देखो दोनों क्या रंग दिखाते हैं होली…
Read Moreहमको जग ने ख़ुद ही छोड़ा, हमने तो जग में रहने का किया प्रयत्न न…
Read Moreन तो रूप है न तो रंग है, न तो गुणों की कोई खान है।…
Read Moreइस कदर श्याम से ही इश्क़ औ करम होने दो, जी से उल्फ़त को घड़ी…
Read Moreभीजत श्याम कुञ्जन में दोऊ अटके। प्रिय पाहुने भये विपटन के, पावन सरयू तट के।…
Read Moreअवधनाथ, ब्रजनाथ, तुम्हारा सदा मैं दास रहूँ। जहाँ-जहाँ भी जन्मूँ जग में पद पंकज के…
Read Moreग़ैर मुमकिन है कि दुनिया अपनी मस्ती छोड़ दे, इसलिए तू भी यह, बेकार बस्ती…
Read Moreचलो सखी चलिए री जहाँ झूलत युगल किशोर। घटा घिर आई बूँदें झरिलाइ शोर करे…
Read Moreदोऊ जने लेत लतन की ओटें। कछु पुरवाई चलत घन गर्जत, कुछ बदन की चोटें।…
Read Moreहिंडोले झूलत दोऊ सरकार श्री मिथिलेश लली संग राजत श्री अवधेश कुमार। दामिनि गरजि गरजि…
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