तुम्हारे हुस्न की तस्ख़ीर आम होती है
तुम्हारे हुस्न की तस्ख़ीर आम होती है कि इक निगाह में दुनिया तमाम होती है…
Read Moreतुम्हारे हुस्न की तस्ख़ीर आम होती है कि इक निगाह में दुनिया तमाम होती है…
Read Moreलब पे है फ़रियाद अश्कों की रवानी हो चुकी इक कहानी छिड़ रही है इक…
Read Moreक्या ये भी मैं बतला दूँ तू कौन है मैं क्या हूँ तू जान-ए-तमाशा है…
Read Moreऐ जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ हर चीज़ मुक़ाबिल आ जाए मंज़िल के लिए दो-गाम चलूँ…
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