है ख़िरद-मन्दी यही बा-होश दीवाना रहे
है ख़िरद-मन्दी यही बा-होश दीवाना रहे है वही अपना कि जो अपने से बेगाना रहे…
Read Moreहै ख़िरद-मन्दी यही बा-होश दीवाना रहे है वही अपना कि जो अपने से बेगाना रहे…
Read Moreहोना ही क्या ज़रूर थे ये दो-जहाँ हैं क्यूँ अल्लाह इक फ़रेब में कौन-ओ-मकाँ हैं…
Read Moreख़ुदा को ढूँढ़ रहा था कहीं ख़ुदा न मिला ज़हे-नसीब कि बन्दे को मुद्दआ’ न…
Read Moreइक बे-वफ़ा को प्यार किया, हाए क्या किया ख़ुद दिल को बे-क़रार किया, हाए क्या…
Read Moreफ़रियाद है अब लब पर जब अश्क-फ़िशानी थी ये और कहानी है वो और कहानी…
Read Moreदिल मेरा तेरा ताब-ए-फ़रमाँ है, क्या करूँ अब तेरा कुफ़्र ही मिरा ईमाँ है, क्या…
Read Moreइक बेवफ़ा को दर्द का दरमाँ बना लिया हम ने तो आह कुफ़्र को ईमाँ…
Read Moreदीवाना बनाना है तो दीवाना बना दे वर्ना कहीं तक़दीर तमाशा न बना दे ऐ…
Read Moreचश्म-ए-हसीं में है न रुख़-ए-फ़ित्ना-गर में है दुनिया का हर फ़रेब फ़रेब-ए-नज़र में है अब…
Read Moreयूँ तो चाहे यहाँ साहब-ए-महफ़िल हो जाए बज़्म उस शख़्स की है तू जिसे हासिल…
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