लब पे काँटों के है फ़रियाद-ओ-बुका मेरे बाद
लब पे काँटों के है फ़रियाद-ओ-बुका मेरे बाद कोई आया ही नहीं आबला-पा मेरे बाद…
Read Moreलब पे काँटों के है फ़रियाद-ओ-बुका मेरे बाद कोई आया ही नहीं आबला-पा मेरे बाद…
Read Moreइश्क़ मुकम्मल ख़्वाब-ए-परेशाँ हुस्न हमा ताबीर-ए-गुरेज़ाँ क़तरे में दरिया की समाई दर्द-ए-दो-आलम इक दिल-ए-इंसाँ इश्क़…
Read Moreहर साँस में ख़ुद अपने न होने का गुमाँ था वो सामने आए तो मुझे…
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