अगर कज-रौ हैं अंजुम आसमाँ तेरा है या मेरा
अगर कज-रौ हैं अंजुम आसमाँ तेरा है या मेरा मुझे फ़िक्र-ए-जहाँ क्यूँ हो जहाँ तेरा…
Read Moreअगर कज-रौ हैं अंजुम आसमाँ तेरा है या मेरा मुझे फ़िक्र-ए-जहाँ क्यूँ हो जहाँ तेरा…
Read Moreअसर करे न करे सुन तो ले मेरी फ़रियाद नहीं है दाद का तालिब ये…
Read Moreउट्ठो मेरी दुनिया के ग़रीबों को जगा दो ख़ाक-ए-उमरा के दर-ओ-दीवार हिला दो गरमाओ ग़ुलामों…
Read Moreख़िर्द के पास ख़बर के सिवा कुछ और नहीं तेरा इलाज नज़र के सिवा कुछ…
Read Moreआम मशरिक़ के मुसलमानों का दिल मगरिब में जा अटका है वहाँ कुंतर सब बिल्लोरी…
Read Moreदिल से जो बात निकलती है असर रखती है । पर नहीं, ताकत-ए-परवाज़ मगर रखती…
Read Moreक्यूँ ज़ियांकार बनूँ, सूद फ़रामोश रहूँ फ़िक्र-ए-फ़र्दा न करूँ, महव-ए-ग़म-ए-दोश रहूँ नाले बुलबुल की सुनूँ…
Read Moreदुनिया की महफ़िलों से उक्ता गया हूँ या रब क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल…
Read Moreलब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी ज़िन्दगी शमा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी…
Read Moreडरते-डरते दमे-सहर से, तारे कहने लगे क़मर से । नज़्ज़ारे रहे वही फ़लक पर, हम…
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