हम मशरिक़ के मुसलमानों का दिल मग़रिब में जा अटका है
हम मशरिक़ के मुसलमानों का दिल मग़रिब में जा अटका है वहाँ कुंतर सब बिल्लोरी…
Read Moreहम मशरिक़ के मुसलमानों का दिल मग़रिब में जा अटका है वहाँ कुंतर सब बिल्लोरी…
Read Moreगेसू-ए- ताबदार को और भी ताबदार कर होश-ओ-ख़िराद शिकर कर क़ल्ब-ओ-नज़र शिकर कर तू है…
Read Moreकभी ऐ हक़ीक़त-ए-मुन्तज़र! नज़र आ लिबास-ए-मजाज़ में के हज़ारों सज्दे तड़प रहे हैं तेरी जबीन-ए-नियाज़…
Read Moreगुलज़ार-ए-हस्त-ओ-बू न बेगानावार देख है देखने की चीज़ इसे बार बार देख आया है तो…
Read Moreअजब वाइज़ की दीन-दारी है या रब अदावत है इसे सारे जहाँ से कोई अब…
Read Moreआता है याद मुझको गुज़रा हुआ ज़माना वो बाग़ की बहारें, वो सब का चह-चहाना…
Read Moreन आते हमें इसमें तकरार क्या थी मगर वादा करते हुए आर क्या थी तुम्हारे…
Read Moreफिर चराग़े-लाला से रौशन हुए कोहो-दमन मुझको फिर नग़्मों पे उकसाने लगा मुर्ग़े-चमन फूल हैं…
Read Moreज़माना आया है बेहिजाबी का, आम दीदार-ए-यार होगा सुकूत था परदादार जिसका वो राज़ अब…
Read Moreऐ हिमाला ऐ फ़सीले किश्वरे-हिन्दोस्ताँ चूमता है तेरी पेशानी को झुककर आसमाँ तुझमें कुछ पैदा…
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