बहार आई है फिर चमन में नसीम इठला के चल रही है
बहार आई है फिर चमन में नसीम इठला के चल रही है हर एक गुंचा…
Read Moreबहार आई है फिर चमन में नसीम इठला के चल रही है हर एक गुंचा…
Read Moreबहार आई है फिर चमन में नसीम इठला के चल रही है हर एक गुंचा…
Read Moreचिश्ती ने जिस ज़मीं पे पैग़ामे हक़ सुनाया, नानक ने जिस चमन में बदहत का…
Read Moreज़मिस्तानी हवा में गरचे थी शमशीर की तेज़ी न छूटे मुझ से लंदन में भी…
Read Moreवो हर्फ़-ए-राज़ के मुझ को सिखा गया है जुनूँ ख़ुदा मुझे नफ़स-ए-जिब्रईल दे तो कहूँ…
Read Moreवहीं मेरी कम-नसीबी वही तेरी बे-नियाज़ी मेरे काम कुछ न आया ये कमाल-ए-नै-नवाज़ी मैं कहाँ…
Read Moreतू ऐ असीर-ए-मकाँ ला-मकाँ से दूर नहीं वो जलवा-गाह तेरे ख़ाक-दाँ से दूर नहीं वो…
Read Moreमता-ए-बे-बहा है दर्द-ओ-सोज़-ए-आरज़ू-मंदी मक़ाम-ए-बंदगी दे कर न लूँ शान-ए-ख़ुदावंदी तेरे आज़ाद बंदों की न ये…
Read Moreमेरी नवा-ए-शौक़ से शोर हरीम-ए-ज़ात में ग़ुलग़ुला-हा-ए-अल-अमाँ बुत-कदा-ए-सिफ़ात में हूर ओ फ़रिश्ता हैं असीर मेरे…
Read Moreन तख़्त ओ ताज में ने लश्कर ओ सिपाह में है जो बात मर्द-ए-क़लंदर की…
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