वाहन मराल कर पुस्तक ओ वीन माल सुन्दर
वाहन मराल कर पुस्तक ओ वीन माल सुन्दर वसन स्वच्छ सोभे जनु चानी के। सिंह…
Read Moreवाहन मराल कर पुस्तक ओ वीन माल सुन्दर वसन स्वच्छ सोभे जनु चानी के। सिंह…
Read Moreजय जय विध्न हरन गननायक गिरजा नन्दन शुभ वरदायक सुरनर मुनि सों पुजित प्रथमहि सुभस…
Read Moreक्यों उसकी यह दिलजोई दिल जिसका दुखाना है। ठहरा के निशाने को क्या तीर लगाना…
Read Moreफिर ‘आरजू’ को दर से उठा, पहले यह बता। आखिर ग़रीब जाये कहाँ और कहाँ…
Read Moreअलअमाँ मेरे ग़मकदे की शाम। सुर्ख़ शोअ़ला सियाह हो जाये॥ पाक निकले वहाँ से कौन…
Read Moreभले दिन आये तो आज़ार बन गया आराम। क़फ़स के तिनके भी काम आ गए…
Read Moreनालाँ ख़ुद अपने दिल से हूँ दरबाँ को क्या कहूँ। जैसे बिठाया गया है, कोई…
Read Moreसबब बग़ैर था हर जब्र क़ाबिले इल्ज़ाम। बहाना ढूंढ लिया, देके अख्तियार मुझे॥ किया है…
Read Moreउठ खडा़ हो तो बगोला है, जो बैठे तो गु़बार। ख़ाक होकर भी वही शान…
Read Moreहर दाने पै इक क़तरा, हर क़तरे पै इक दाना। इस हाथ में सुमरन है,…
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