धोबी से धोबी नहीं लेत हैं धुलाई नाथ
धोबी से धोबी नहीं लेत हैं धुलाई नाथ नाई से नाई ना मजूरी के लिवैंया…
Read Moreधोबी से धोबी नहीं लेत हैं धुलाई नाथ नाई से नाई ना मजूरी के लिवैंया…
Read Moreऐ रे दगाबाज छटा देखु रघुनंदन को नाहक लगाते दोष त्रिभुवन के स्वामी में। रसना…
Read Moreनीको लागे गंगा तोहरी लहरिया हो। त्रिभुवन के तुहूँ तारन आई हमरो लऽ ना खबरिया…
Read Moreहे हरि कवन उपाय करूँ मैं। काम क्रोध मद लोभ सतावत जम के त्रास डरूँ…
Read Moreकरके दगाबाजी पाजी अब तो अमीर बन के, मसक समान फूल बइठे निज द्वार पर।…
Read Moreमुट्ठी बाँध आए कुछ नेकी ना कमाए, माया में लुभाए तुम भरमें हो कहाँ-कहाँ। दुष्टन…
Read Moreचार दिन की जिन्दगी में चेत लो सचेत होय, नर के समान देह फेर नहीं…
Read Moreटिकुलिया तरके बिंदिया हजार जीउआ मारे राम। सास देहली टिकुली ननद देहली बेन्दुली राम, सुरती…
Read Moreधन का घमंड प्यारे मन से तू दूर कर, दउलत खजाना माल यहीं छोड़ जाना…
Read Moreराग कीन्हीं रंग कीन्हीं ओ कुसंग कीन्हों चातुरी अनेक कीन्हीं लायो हाथ चोली में। शास्त्र…
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