सहपाठा
एक देश में जन्मे हैं सब, एक लहू है सबके तन में। एक तरह से…
Read Moreआ गई बाढ़ -आ गई बाढ़, गंगा जी में आ गई बाढ़। सावन -घन तुमड़ी…
Read Moreऊब गई हूँ गुड़िया से मैं, कहा नहीं यह करती है। कितना ही आँखे दिखलाऊँ,…
Read Moreऊब गई हूँ गुड़िया से मैं, कहा नहीं यह करती है। कितना ही आँखे दिखलाऊँ,…
Read Moreदेखो क्या कहतीं हैं कलियाँ, हर दम हँसो और मुस्काओ। रहो सदा तुम सबके प्यारे,…
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