बड़ा होने पर
होऊंगा जब जरा बड़ा मैं। यों न रहूँगा कहीं खड़ा मैं।। खोलूँगा मैं एक दुकान।…
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Read Moreविनय यही है हे परमेश्वर तुम्हारे गाऊँ मैं, बैठा अपने दिल में स्वामी हरदम तुमको…
Read Moreविनय यही है हे परमेश्वर तुम्हारे गाऊँ मैं, बैठा अपने दिल में स्वामी हरदम तुमको…
Read Moreमुझे बहुत अच्छा लगता है, फूल तुम्हारा मुस्काना। मुझे बहुत अच्छा लगता है, फूल तुम्हारा…
Read Moreमुझे बहुत अच्छा लगता है, फूल तुम्हारा मुस्काना। मुझे बहुत अच्छा लगता है, फूल तुम्हारा…
Read Moreकोई मुझसे बतलाओ रे जंगल में क्या होता है, कब उठता सो कर वनमानुष और…
Read Moreशिष्य एक गुरु के हैं हम सब, एक पाठ पढ़ने वाले। एक फ़ौज के वीर…
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