काफ़िर गेसू वालों की रात बसर यूँ होती है।
काफ़िर गेसू वालों की रात बसर यूँ होती है। हुस्न हिफाज़त करता है और जवानी…
Read Moreकाफ़िर गेसू वालों की रात बसर यूँ होती है। हुस्न हिफाज़त करता है और जवानी…
Read Moreहादसे क्या क्या तुम्हारी बेरुख़ी से हो गए । सारी दुनिया के लिए हम अजनबी…
Read Moreहैरत से तक रहा है जहान-ए-वफ़ा मुझे । तुम ने बना दिया है मुहब्बत में…
Read Moreयूँ न रह रह के हमें तरसाइए । आइए, आ जाइए, आ जाइए । फिर…
Read Moreसदियों की शब-ए-ग़म को सहर हम ने बनाया ज़र्रात को ख़ुर्शीद ओ क़मर हम ने…
Read Moreदश्त में क़ैस नहीं कोह पे फ़रहाद नहीं है वही इश्क़ की दुनिया मगर आबाद…
Read Moreरातों का तसव्वुर है उनका और चुपके-चुपके रोना है । ऐ सुब्ह के तारे तू…
Read Moreगेसू को तिरे रुख़ से बहम होने न देंगे । हम रात को ख़ुर्शीद में…
Read Moreनग़्मे हवा ने छेड़े फ़ितरत की बाँसुरी में, पैदा हुईं ज़बानें जंगल की ख़ामुशी में…
Read Moreहम आँखों से भी अर्ज़-ए-तमन्ना नहीं करते । मुबहम-सा इशारा भी गवारा नहीं करते ।…
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