कलह-कारण
कड़ी आराधना करके बुलाया था उन्हें मैंने। पदों को पूजने के ही लिए थी साधना…
Read Moreअल्लाह ख़ता क्या है ग़रीबों की बता दे, क़िस्मत के अन्धेरे में नई शमा जला…
Read Moreअब तो तमाम शहर में चर्चा है आपका । फिर किसलिए हुज़ूर ये परदा है…
Read Moreओ दूर जाने वाले वादा न भूल जाना । रातें हुई अन्धेरी तुम चान्द बनके…
Read Moreअंगड़ाई भी वो लेने न पाए उठाके हाथ, देखा जो मुझको तो छोड़ दिए मुस्करा…
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