झिलमिल तारे
कर रहे प्रतीक्षा किसकी हैं झिलमिल-झिलमिल तारे? धीमे प्रकाश में कैसे तुम चमक रहे मन…
Read Moreकर रहे प्रतीक्षा किसकी हैं झिलमिल-झिलमिल तारे? धीमे प्रकाश में कैसे तुम चमक रहे मन…
Read Moreसिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत में भी आई फिर से…
Read Moreयहाँ कोकिला नहीं, काग हैं, शोर मचाते, काले काले कीट, भ्रमर का भ्रम उपजाते। कलियाँ…
Read More‘‘गिरफ़्तार होने वाले हैं, आता है वारंट अभी॥’’ धक-सा हुआ हृदय, मैं सहमी, हुए विकल…
Read Moreवह देखो माँ आज खिलौनेवाला फिर से आया है। कई तरह के सुंदर-सुंदर नए खिलौने…
Read Moreकठिन प्रयत्नों से सामग्री मैं बटोरकर लाई थी। बड़ी उमंगों से मन्दिर में, पूजा करने…
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