पूछो
विफल प्रयत्न हुए सारे, मैं हारी, निष्ठुरता जीती। अरे न पूछो, कह न सकूँगी, तुमसे…
Read Moreप्रथम जब उनके दर्शन हुए, हठीली आँखें अड़ ही गईं। बिना परिचय के एकाएक हृदय…
Read Moreअभी अभी थी धूप, बरसने लगा कहाँ से यह पानी किसने फोड़ घड़े बादल के…
Read Moreयह मुरझाया हुआ फूल है, इसका हृदय दुखाना मत। स्वयं बिखरनेवाली इसकी, पँखड़ियाँ बिखराना मत॥…
Read Moreथी मेरा आदर्श बालपन से तुम मानिनि राधे! तुम-सी बन जाने को मैंने व्रत नियमादिक…
Read Moreदेव! तुम्हारे कई उपासक कई ढंग से आते हैं सेवा में बहुमूल्य भेंट वे कई…
Read Moreइस समाधि में छिपी हुई है, एक राख की ढेरी | जल कर जिसने स्वतंत्रता…
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