यह मुरझाया हुआ फूल है,
यह मुरझाया हुआ फूल है, इसका हृदय दुखाना मत। स्वयं बिखरनेवाली इसकी, पँखड़ियाँ बिखराना मत॥…
Read Moreयह मुरझाया हुआ फूल है, इसका हृदय दुखाना मत। स्वयं बिखरनेवाली इसकी, पँखड़ियाँ बिखराना मत॥…
Read Moreयह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे। मैं भी उस पर बैठ कन्हैया…
Read Moreमेरे भोले सरल हृदय ने कभी न इस पर किया विचार- विधि ने लिखी भाल…
Read Moreमुझे कहा कविता लिखने को, लिखने मैं बैठी तत्काल। पहिले लिखा- ‘‘जालियाँवाला’’, कहा कि ‘‘बस,…
Read Moreबार-बार आती है मुझको मधुर याद बचपन तेरी। गया ले गया तू जीवन की सबसे…
Read Moreवीणा बज-सी उठी, खुल गए नेत्र और कुछ आया ध्यान। मुड़ने की थी देर, दिख…
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