है आँख वो जो राम का दर्शन किया करे,
वो शीश है चरणों में जो बंदन किया करे ।
बेकार वो मुख है जो रहे व्यर्थ वाद में,
मुख वो है जो हरिनाम का सुमिरन किया करे।
मरकर भी अमर नाम है उस जीव का जग में,
प्रभु प्रेम में बलिदान जो जीवन किया करे।
हीरों के कड़ो से नहीं सोभा है हाथ की।
है हाथ वो जो नाथ का पूजन किया करे।
कविवर वही है श्याम के सुंदर चरित्र का।
रसना है जो रस ‘बिन्दु’ के वर्णन किया करे।

By shayar

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