श्याम चरणों में मन को लगाये जायेंगे,
ज्योति जीवन कि जग में जगाये जायेंगे।
हजार बार कृपासागर से करार हुआ,
उनका भजन दिल से न एक बार हुआ।
विषय में भूख में निद्रा में दिन गुजरते हैं।
मनुष्य हो के भी पशुओं का काम करते हैं।
अब तो बिगड़ी दशा को बनाए जाएँगे॥
समझ रहे हैं कि सागर हमारा होगा,
ये पुत्र मित्र ये परिवार हमारा होगा।
नहीं ध्यान कि जब काल प्राण लेता है,
तो ग़ैर क्या है ये तन भी न साथ देता है।
ऐसी दुनिया से नाते हटाये जाएँगे॥श्याम.
अधमों के भार बेशुमार हो गये भगवन्!
कि जिससे थक गये लाचार हो गये भगवन्!
न तोड़ा कर्म के बंधन तो कुछ रहम कर दो,
न सब घटाओ तो थोड़ा सा वजन कम दो।
अब न सिर पर ये बोझ उठाए जायेंगे।श्याम.
सहे वो कष्ट सहे जो भूल हुई सो हुई,
किए जो कर्म किए भूल जो हुई सो हुई।
दयालु आख़िर दावा यही हमारा है,
हमे तारो जो लाखों को तुमने तारा है,
दृग ‘बिन्दु’ तुमपर चढाये जाएँगे। श्याम…