भक्तजन मुदित मन हृदय सुमिरन करो हर हर महादेव।
धर लो गिरिजा सहित ध्यान शिव को धरो हर हर महादेव॥
योग योगेश सर्वेश आरती हरण,
मंगलचरण सुभग जिनके युगल चरण।
अशरण शरण प्रणत पाल शंकर प्रभो,
हर हर महादेव हर हर महादेव।
त्रिपुर नाशक प्रकाशक सुखद साज के,
त्रासक असुर नीच मति खल समाज के
मदन मद के विनाशक सदाशिव कहो,
हर हर महादेव हर हर महादेव।
जयति शुभनाम सुखधाम अभिराम हर,
शोभित ललाम छविचंद्र सिर गंगाधर,
स्वीकार ‘बिंदु’ सेवक का प्रणाम हो।