जागरण गान
नफ़रतों को दिलों से मिटाते चलो साथ क़दमों के दिल भी मिलाते चलो आदमीयत के…
Read Moreयह मजबूरियाँ और मुख़्तार बन कर बिके जा रहे हो ख़रीदार बन कर उम्मीदे वफ़ा…
Read Moreखून अब किसी इन्सान का पीने नहीं दूगा ऐ फ़िरक़ापरस्ती तुझे जीने नहीं दूँगा पी-पी…
Read Moreताक़त हो किसी में तो मिटाये मेरी हस्ती मैने बड़ी चालाकी से इक काम किया…
Read Moreखेत में जो चुग रही थी, कैद में घबरा गई गाँव की मैना जो आई…
Read Moreएक दीवाने को ये आए हैं समझाने कई पहले मैं दीवाना था और अब हैं…
Read Moreनफरत की आग बढ़ने न पाये बुझा के चल उठ और प्रेम-प्यार की गंगा बहा…
Read Moreये इनायतें गज़ब की, ये बला की मेहरबानी मेरी ख़ैरियत भी पूछी, किसी और की…
Read Moreये करें और वो करें ऐसा करें वैसा करें, ज़िन्दगी दो दिन की है दो…
Read Moreकभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे कोई जब…
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