शिविर की शर्वरी
शिविर की शर्वरी हिंस्र पशुओं भरी। ऐसी दशा विश्व की विमल लोचनों देखी, जगा त्रास,…
Read Moreशिविर की शर्वरी हिंस्र पशुओं भरी। ऐसी दशा विश्व की विमल लोचनों देखी, जगा त्रास,…
Read Moreबन जाय भले शुक की उक से, सुख की दुख से अवनी न बनी। रुक…
Read Moreरमण मन के, मान के तन! तुम्हीं जग के जीव-जीवन! तुम्हीं में है महामाया, जुड़ी…
Read Moreभव-सागर से पार करो हे! गह्वर से उद्धार करो हे! कृमि से पतित जन्म होता…
Read Moreरमण मन के, मान के तन! तुम्हीं जग के जीव-जीवन! तुम्हीं में है महामाया, जुड़ी…
Read Moreसमझा जीवन की विजया हो। रथी दोषरत को दलने को विरथ व्रती पर सती दया…
Read Moreपंक्ति पंक्ति में मान तुम्हारा| भुक्ति-मुक्ति में गान तुम्हारा। आंख-आंख पर भाव बदलकर, चमके हो…
Read Moreदुरित दूर करो नाथ अशरण हूँ, गहो हाथ। हार गया जीवन-रण, छोड़ गये साथी जन,…
Read More