गीत
जैसे हम हैं वैसे ही रहें, लिये हाथ एक दूसरे का अतिशय सुख के सागर…
Read Moreहारता है मेरा मन विश्व के समर में जब कलरव में मौन ज्यों शान्ति के…
Read Moreसुख का दिन डूबे डूबे जाए । तुमसे न सहज मन ऊब जाए । खुल…
Read Moreदुखता रहता है अब जीवन; पतझड़ का जैसा वन-उपवन । झर-झर कर जितने पत्र नवल…
Read Moreअरघान की फैल, मैली हुई मालिनी की मृदुल शैल। लाले पड़े हैं, हजारों जवानों कि…
Read Moreमरा हूँ हजार मरण पाई तब चरण-शरण । फैला जो तिमिर जाल कट-कटकर रहा काल,…
Read Moreदुख भी सुख का बन्धु बना पहले की बदली रचना । परम प्रेयसी आज श्रेयसी,…
Read Moreसीधी राह मुझे चलने दो| अपने ही जीवन फलने दो। जो उत्पात, घात आए हैं,…
Read Moreऊँट-बैल का साथ हुआ है; कुत्ता पकड़े हुए जुआ है। यह संसार सभी बदला है;…
Read Moreपद्मा के पद को पाकर हो सविते, कविता को यह वर दो। वारिज के दृग…
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