उत्साह
(गीत) बादल, गरजो!– घेर घेर घोर गगन, धाराधर जो! ललित ललित, काले घुँघराले, बाल कल्पना…
Read More(गीत) बादल, गरजो!– घेर घेर घोर गगन, धाराधर जो! ललित ललित, काले घुँघराले, बाल कल्पना…
Read More(गीत) बहुत दिनों बाद खुला आसमान! निकली है धूप, खुश हुआ जहान! दिखी दिशाएँ, झलके…
Read Moreलू के झोंकों झुलसे हुए थे जो, भरा दौंगरा उन्ही पर गिरा। उन्ही बीजों को…
Read Moreवह तोड़ती पत्थर; देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर- वह तोड़ती पत्थर। कोई न…
Read Moreवर्ष का प्रथम पृथ्वी के उठे उरोज मंजु पर्वत निरुपम किसलयों बँधे, पिक भ्रमर-गुंज भर…
Read More(गीत) आओ, आओ फिर, मेरे बसन्त की परी– छवि-विभावरी; सिहरो, स्वर से भर भर, अम्बर…
Read Moreबीत चुका शीत, दिन वैभव का दीर्घतर डूब चुका पश्चिम में, तारक-प्रदीप-कर स्निग्ध-शान्त-दृष्टि सन्ध्या चली…
Read Moreटूटें सकल बन्ध कलि के, दिशा-ज्ञान-गत हो बहे गन्ध। रुद्ध जो धार रे शिखर-निर्झर झरे…
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