दिल-ओ-दिमाग़ को रो लूँगा, आह कर लूँगा
दिल-ओ-दिमाग़ को रो लूँगा, आह कर लूँगा तुम्हारे इश्क़ में सबकुछ तबाह कर लूँगा अगर…
Read Moreदिल-ओ-दिमाग़ को रो लूँगा, आह कर लूँगा तुम्हारे इश्क़ में सबकुछ तबाह कर लूँगा अगर…
Read Moreऐ इश्क़, न छेड़ आ-आ के हमें हम भूले हुओं को याद न कर पहले…
Read Moreओ देस से आने वाले बता ! क्या अब भी वहाँ के बाग़ों में मस्ताना…
Read Moreफ़र्यादी-ए-जफ़ा-ए-अय्याम हो रहा हूँ पामाल-ए-जौर-ए-बख़्त-ए-नाकाम हो रहा हूँ सरगश्ता-ए-ख़याल-ए-अंजाम हो रहा हूँ बस्ती की लड़कियों…
Read Moreमस्ताना पिए जा यूँ ही मस्ताना पिए जा । पैमाना तो क्या चीज़ है मयखाना…
Read Moreनिकहते-ज़ुल्फ़ से नीन्दों को बसा दे आकर । मेरी जागी हुई रातों को सुला दे…
Read Moreमेरे पहलू में जो बह निकले तुम्हारे आँसू, बन गए शामे-मोहब्बत के सितारे आँसू ।…
Read Moreवो कभी मिल जाएँ तो क्या कीजिए रात दिन सूरत को देखा कीजिए चाँदनी रातों…
Read Moreयारो कू-ए-यार की बातें करें फिर गुल ओ गुल-ज़ार की बातें करें चाँदनी में ऐ…
Read Moreवादा उस माह-रू के आने का ये नसीबा सियाह-ख़ाने का कह रही है निगाह-ए-दुज़-दीदा रुख़…
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