कटौती का दसवाँ
बताओ तो झुँझलाये-झुँझलाये क्यों हो कहो आज बलखाये-बलखाये क्यों हो ये नागिन से लहराये-लहराये क्यों…
Read Moreबताओ तो झुँझलाये-झुँझलाये क्यों हो कहो आज बलखाये-बलखाये क्यों हो ये नागिन से लहराये-लहराये क्यों…
Read Moreसितारे झिलमिलाते है सवेरा होने वाला है इन्हें देखो यही मज़दूर बुनकर हैं बनारस के…
Read Moreकब तलक ज़ख्म हँस के खायेंगे हम हर इक चोट दिल की छुपायेंगे हम नातवानी…
Read Moreहूक दिल से उठी आँख नम हो गयी आज गंगा की इक मौज कम हो…
Read Moreअलग उसका रस्ता उसकी मंज़िल निराली डगर और राही ’निराला’ अजब सूर्य डूबा हे हिन्दी…
Read Moreसुबह की शान से मुस्कुराता हुआ पूरे बंगाल को जगमगाता हुआ सबको किरनों की माला…
Read Moreजिसको अब तक न पा सका विज्ञान है वो बे-पंख कलपना की उड़ान सब तो…
Read Moreशुभ दिन लिए सावन का महीना आया तब जा के मेरे हाथ नगीना आया आया…
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