कोई दवा न दे सके मशवरा-ए-दुआ दिया
कोई दवा न दे सके मशवरा-ए-दुआ दिया चारा-गरों ने और भी दिल का दर्द बढ़ा…
Read Moreकोई दवा न दे सके मशवरा-ए-दुआ दिया चारा-गरों ने और भी दिल का दर्द बढ़ा…
Read Moreजहाँ क़तरे को तरसाया गया हूँ वहीं डूबा हआ पाया गया हूँ ब-हाल-ए-गुम-रही पाया गया…
Read Moreख़ून बर कर मुनासिब नहीं दिल बहे दिल नहीं मानता कौन दिल से कहे तेरी…
Read Moreइश्क़ में छेड़ हुई दीदा-ए-तर से पहले ग़म के बादल जो उठे तो यहीं पर…
Read Moreहुस्न ने सीखीं ग़रीब-आज़ारियाँ इश्क़ की मजबूरियाँ लाचारियाँ बह गया दिल हसरतों के ख़ून में…
Read Moreहम ही में थी न कोई बात याद न तुम को आ सके तुम ने…
Read Moreहै अज़ल की इस ग़लत बख़्शी पे हैरानी मुझे इश्क़ ला-फ़ानी मिला है ज़िंदगी फ़ानी…
Read Moreदिल अभी तक जवान है प्यारे किसी मुसीबत में जान है प्यारे तू मिरे हाल…
Read Moreअब तो कुछ और भी अँधेरा है ये मिरी रात का सवेरा है रह-ज़नों से…
Read Moreअगर मौज है बीच धारे चला चल वगरना किनारे किनारे चला चल इसी चाल से…
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