हर वक़्त नौहा-ख़्वाँ सी रहती हैं मेरी आँखें
हर वक़्त नौहा-ख़्वाँ सी रहती हैं मेरी आँखें इक दुख भरी कहानी कहती हैं मेरी…
Read Moreहर वक़्त नौहा-ख़्वाँ सी रहती हैं मेरी आँखें इक दुख भरी कहानी कहती हैं मेरी…
Read Moreग़म-ए-हयात कहानी है क़िस्सा-ख़्वाँ हूँ मैं दिल-ए-सितम-ज़दा है राज़-दाँ हूँ मैं ज़्यादा इस से कोई…
Read Moreग़म-ज़दा हैं मुबतला-ए-दर्द हैं ना-शाद हैं हम किसी अफ़साना-ए-ग़म-नाक के अफ़राद हैं गर्दिश-ए-अफ़लाक के हाथों…
Read Moreदिन मुरादों के ऐश की रातें हाए क्या हो गईं वो बरसातें रात को बाग़…
Read Moreदिल-ए-फ़सुर्दा में कुछ सोज़ ओ साज़ बाक़ी है वो आग बुझ गई लेकिन गुदाज़ बाक़ी…
Read Moreचीर कर सीने को रख दे गर न पाए ग़म-गुसार दिल की बातें दिल ही…
Read Moreदिल के अरमान दिल को छोड़ गए आह मुँह इस जहाँ से मोड़ गए वो…
Read Moreअपनी उजड़ी हुई दुनिया की कहानी हूँ मैं एक बिगड़ी हुई तस्वीर-ए-जवानी हूँ मैं आग…
Read Moreअब वो सीना है मज़ार-ए-आरज़ू था जो इक दिन शोला-ज़ार-ए-आरज़ू. अब तक आँखों से टपकता…
Read Moreआफ़तों में घिर गया हूँ ज़ीस्त से बे-ज़ार हूँ मैं किसी रूमान-ए-ग़म का मरकज़ी किरदार…
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