इश्क़े-बुताँ का ले के सहारा कभी-कभी
इश्क़े-बुताँ का ले के सहारा कभी-कभी अपने ख़ुदा को हमने पुकारा कभी-कभी आसूदा ख़ातिरी ही…
Read Moreइश्क़े-बुताँ का ले के सहारा कभी-कभी अपने ख़ुदा को हमने पुकारा कभी-कभी आसूदा ख़ातिरी ही…
Read Moreहम जौर भी सह लेंगे मगर डर है तो यह है ज़ालिम को कभी फूलते-फलते…
Read Moreज़मीने हिन्द थर्राई मचा कोहराम आलम में कहा जिस दम जवाहर लाल ने ‘बापू नहीं…
Read Moreहर बात में आपाधापी है, चालाकी है, तर्रारी है, दुनिया के फ़साने का उनवाँ मक्कारी…
Read Moreबस्तियों की बस्तियां बर्बादो-वीराँ हो गईं आदमी की पस्तियां आखिर नुमांयां हो गईं क़त्लो-ग़ारत के…
Read Moreयह दौरे खिरद है, दौरे-जुनूं इस दौर में जीना मुश्किल है, अंगूर की मै के…
Read Moreमोहब्बत सोज़ भी है साज़ भी है ख़ामोशी भी है आवाज़ भी है नशेमन के…
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