ख़मोशी साज़ होती जा रही है
ख़मोशी साज़ होती जा रही है नज़र आवाज़ होती जा रही है नज़र तेरी जो…
Read Moreख़मोशी साज़ होती जा रही है नज़र आवाज़ होती जा रही है नज़र तेरी जो…
Read Moreख़मोशी साज़ होती जा रही है नज़र आवाज़ होती जा रही है नज़र तेरी जो…
Read Moreदुनिया है ये किसी का न इस में क़ुसूर था दो दोस्तों का मिल के…
Read Moreदिल की दिल को ख़बर नहीं मिलती जब नज़र से नज़र नहीं मिलती सहर आई…
Read Moreमश्रिक़ का दिया गुल होता है, मग्रिब पे सियाही छाती है हर दिल सुन्न-सा हो…
Read Moreभूले से भी लब पर सुख़न अपना नहीं आता हाँ हाँ मुझे दुनिया में पनपना…
Read Moreलहू का टीका वतन फिर तुझको पैमाने-वफ़ा देने का वक़्त आया तिरे नामूस पर सब…
Read Moreनिगाहों दिल का अफ़साना करीब-ए-इख्तिताम आया । हमें अब इससे क्या आया शहर या वक्त-ए-शाम…
Read Moreसफ़-ए-अव्वाल से फ़क्त एक ही मयक्वार उठा । कितनी सुनासान है तेरी महफ़िल साकी ।।…
Read Moreमेरी ख़मोशी-ए-दिल पर न जाओ कि इसमें रूह की आवाज़ भी है – हर गुल…
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