काका दोहावली
मेरी भाव बाधा हरो, पूज्य बिहारीलाल दोहा बनकर सामने, दर्शन दो तत्काल। अँग्रेजी से प्यार…
Read Moreमेरी भाव बाधा हरो, पूज्य बिहारीलाल दोहा बनकर सामने, दर्शन दो तत्काल। अँग्रेजी से प्यार…
Read Moreकौन क्या-क्या खाता है ? खान-पान की कृपा से, तोंद हो गई गोल, रोगी खाते…
Read More‘काका’ से कहने लगे, शिवानंद आचार्य रोना-धोना पाप है, हास्य पुण्य का कार्य हास्य पुण्य…
Read Moreठाकुर ठर्रा सिंह से बोले आलमगीर पहुँच गये वो चाँद पर, मार लिया क्या तीर?…
Read Moreदेवी जी कहने लगीं, कर घूँघट की आड़ हमको दिखलाए नहीं, तुमने कभी पहाड़ तुमने…
Read Moreमेरठ में हमको मिले धमधूसर कव्वाल तरबूजे सी खोपड़ी, ख़रबूजे से गाल ख़रबूजे से गाल,…
Read Moreनाम-रूप के भेद पर कभी किया है गौर ? नाम मिला कुछ और तो, शक्ल-अक्ल…
Read Moreरह-रवी है न रह-नुमाई है आज दौर-ए-शकिस्ता-पाई है अक़्ल ले आई ज़िंदगी को कहाँ इश्क़-ए-नादाँ…
Read Moreज़िंदगी गो कुश्ता-ए-आलाम है फिर भी राहत की उम्मीद-ए-ख़ाम है हाँ अभी तेरी मोहब्बत ख़ाम…
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