आंसू इसकी भाषा है
जल-निधि तरल न है यह जिसकी कभी थाह तुम पा सकते! सोना भी तो नहीं,…
Read Moreजल-निधि तरल न है यह जिसकी कभी थाह तुम पा सकते! सोना भी तो नहीं,…
Read Moreआज अचानक मचल पड़ा यह स्मृतियों का सुंदर संसार! बिखर गईं प्राणों के मोहक गीतों…
Read Moreसर्वनाश! देखा था उस दिन जीवन के तम में साकार, अलसाया-सा पड़ा हुआ था वह…
Read Moreधूमिल-प्रभा-पटी पर अंकित तेरी स्मृति की रेखा! मधु-प्रमाद में भौंरों के तेरा पागलपन देखा! गली-गली…
Read Moreरो दे, रो दे हाय! देखकर, मेरी ये बेकलियां! एक बार भी भूल चला आ,…
Read Moreइस अगाध में तिनके को भी मिलता नहीं सहारा! उधर खड़ा है हंसी उड़ाता वह…
Read Moreइस समाधि की राखों में, उन्माद किसी का सोया है! कितनी बार यहां आकर, बेजार…
Read Moreबजती बीन कहीं कोई जीवन जिसकी झंकार है . हँसी-रुदन में आँक रहा हूँ चित्र…
Read Moreजल-जल कर उज्ज्वल कर प्रतिपल प्रिय का उत्सव-गेह जीवन तेरे लिये खड़ा है लेकर नीरव…
Read Moreसुनो हुआ वह शंख-निनाद! नभ में गहन दुरूह दुर्ग का द्वार खुला कर भैरव घोष,…
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