कुछ सुनने की ख़्वाहिश कानों की, कुछ कहने का अरमाँ आँखों में,
कुछ सुनने की ख़्वाहिश कानों की, कुछ कहने का अरमाँ आँखों में, गरदन में हमायल…
Read Moreकुछ सुनने की ख़्वाहिश कानों की, कुछ कहने का अरमाँ आँखों में, गरदन में हमायल…
Read More रोज़े रोशन जा चुका, हैं शाम की तैयारियाँ उड़ रही हैं आसमाँ पर ज़ाफरानी…
Read Moreमन्दिर में पुजारी लगे नाक़ूस बजाने वो उनके भजन प्यारे वो गीत उनके सुहाने ।…
Read Moreइक शख़्स था ज़माना था के दीवाना बना इक अफ़साना था अफ़साने से अफ़साना बना…
Read Moreमस्ती से भरके जबकि हवा सौरभ से बरबस उलझ पड़ी तब उलझ पड़ा मेरा सपना…
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