छाँह छलकि के गिरल डाल स
छाँह छलकि के गिरल डाल से पात-पात तूफान बन्द बा बादल झुकल कि झील-छंद बा…
Read Moreछाँह छलकि के गिरल डाल से पात-पात तूफान बन्द बा बादल झुकल कि झील-छंद बा…
Read Moreचिह्न रक्त के मिले जहां भी मारुत धोता रहा रात-भर मानव-मन के अंतरतम में समर…
Read Moreमेरे मन का भार प्यार से कैसे तोल सकोगे? आज मौन का पट प्यारे! तुम…
Read Moreस्वप्न-शैवाल से कुछ निकलतीं उधर कुछ मचलतीं वहां, कुछ बिछलतीं इधर कुछ अतल को हिलोरें…
Read Moreज्योति को दुख ने किया पावन सूर्य कण-कण रक्त से सींचा समय का रथ रथी-सा…
Read Moreगीत लिखकर थका, गीत गाकर थका शब्द के अर्थ ने द्वार खोला नहीं छंद तारे…
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