बुझा है दिल भरी महफ़िल में रौशनी देकर
बुझा है दिल भरी महफ़िल में रौशनी देकर मरूँगा भी तो हज़ारों को ज़िन्दगी देकर…
Read Moreबुझा है दिल भरी महफ़िल में रौशनी देकर मरूँगा भी तो हज़ारों को ज़िन्दगी देकर…
Read Moreइक रात में सौ बार जला और बुझा हूँ मुफ़लिस का दिया हूँ मगर आँधी…
Read Moreबुतख़ाना नया है न ख़ुदाख़ाना नया है जज़्बा है अक़ीदत का जो रोज़ाना नया है…
Read Moreये क़बा-ए-कुहना उतार दो न सुबुक हो चश्म-ए-नियाज़ में के जगह जगह से है कुहनगी…
Read Moreतेरा हुस्न भी बहाना मेरा इश्क़ भी बहाना ये लतीफ़ इस्तिआरे न समझ सका ज़माना…
Read Moreउलझी थी ज़ुल्फ़ उस ने सँवारा सँवर गई शाने को क्या ख़बर ये बला किस…
Read Moreमैं सदक़े तुझ पे अदा तेरे मुस्कुराने की समेटे लेती है रंगीनियाँ ज़माने की जो…
Read Moreसुब्ह ख़ुद बताएगी तीरगी कहाँ जाए ये चराग़ की झूटी रौशनी कहाँ जाए जो नशेब…
Read Moreकौन कहता है बढ़ा शौक़ इधर से पहले किस ने देखा था किसे तिरछी नज़र…
Read Moreकिसी का ख़ून सही इक निखार दे तो दिया ख़िज़ाँ को तुम ने लिबास-ए-बहार दे…
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