बुतखाना नया है न खुदाखाना नया है
बुतखाना नया है न खुदाखाना नया है जज़्बा है अकीदत का जो रोजाना नया है…
Read Moreबुतखाना नया है न खुदाखाना नया है जज़्बा है अकीदत का जो रोजाना नया है…
Read Moreहरदम मिरी अजल मिरे सर पर खड़ी रही निगरानि-ऐ-हयात भी कितनी कड़ी रही पीछा न…
Read Moreमेरी अजल को मेरा निगहबान कर दिया दी जिन्दगी कि मौत का सामान कर दिया…
Read Moreसजा की तरह से काटी है जिन्दगी हमने निबाह दी है मगर वजा-ए-दोस्ती हमने जहाँ…
Read Moreसूखती शाखों में फिर दम आ गया आइये फागुन का मौसम आ गया आम की…
Read Moreये कौन बिस्तरे शब से उठा सहर की तरह ये किसकी आँख खुली मैकदे के…
Read Moreमेरे होते भी अगर उनको न आराम आया जिन्दगी फिर मिरा जीना मिरे किस काम…
Read Moreतूफाँ से थपेड़ों के सहारे निकल आये डूबे थे बुरी तरह से बारे निकल आये…
Read Moreकैसे यकीन कर लूँ कि फिर आइयेगा आप आ भी गये तो मुझको कहाँ पाइयेगा…
Read Moreजिसको नसीबे लज्जते आजार भी नहीं वह बदनसीब जीने का हकदार भी नहीं कल जिसके…
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