चाहो उठना अगर तो उठो हो निडर,
चाहो उठना अगर तो उठो हो निडर, समझो धड़ पर हमारे है सर ही नहीं।…
Read Moreचाहो उठना अगर तो उठो हो निडर, समझो धड़ पर हमारे है सर ही नहीं।…
Read Moreजय आदि ब्रह्म अवतारा ‘छूत’ और छल-माया से न्यारा। जागे आदिम वंश हमारा, “छूत-विवर्जित” अछूत…
Read Moreजागो जी जागो, असली नाम डुबाने वाले। टेक। वंश डुबाने वाले, राज गँवाने वाले, बन…
Read Moreआये थे अब आर्य हिन्द में, तिब्बत का स्थान, रहती यहाँ सदा से थी इक…
Read Moreपुरखे हमारे थे बादशाह, तुम्हें याद हों कि न याद हो। अब हिन्द में हम…
Read Moreनिश दिन मनुस्मृति ये हमको जला रही है। ऊपर न उठने देती, नीचे गिरा रही…
Read Moreमैं अछूत हूँ, छूत न मुझमें, फिर क्यों जग ठुकराता है? छूने में भी पाप…
Read Moreवेद में भेद छिपा था, हमें मालूम न था। हाल पोशीदा रखा था, हमें मालूम…
Read Moreथा हमको नहिं यह ज्ञान, आदि-मत हिंद-निवासी थे। टेक विद्या से पता लगाया, गुरुता गौरव…
Read Moreराम-कृष्ण की पूजा करके चंदन-तिलक लगाते हो। किंतु कुकर्मों के करने में, नेक न कभी…
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