अछूत (पवित्र) होरी
होरी खेलौ अछूतौ भाई, छुतैरों से छोर छोड़ाई. टेक इनके लोभ फंसे जो भाई, उन्नति…
Read Moreहोरी खेलौ अछूतौ भाई, छुतैरों से छोर छोड़ाई. टेक इनके लोभ फंसे जो भाई, उन्नति…
Read Moreसतगुरु सबहि समझावें, सबन हित होरी रचावें। ज्ञान-गुलाल मले मन मुख पर, अद्धै अबीर लगावें।…
Read Moreअब आदिवंश खेलहु बसंत, सब संत करहु दासता अंत॥ है आदिवंश का आदि-धर्म, तजि आत्म-अनुभवी…
Read Moreसुर्ता अनुभव पद में आन, ज्ञान निर्वाण लहै। यहाँ पक्षपात नहिं कोय, अंध विश्वास दहै॥…
Read Moreसुर्ता तन मन धन कुर्बान, है निर्वाण-पद में विचरी। जागा आतम-अनुभव ज्ञान, परख सतगुरु से…
Read Moreलखोजी संतों, आतम पद निर्बानी। आतम-तत्व परख पारख कर जीवन-मुक्ति निशानी॥ षट् विकार का कारण…
Read Moreहम भी कभी थे अफजल, प्राचीन हिन्द वाले। अब हैं गुलाम निर्बल, प्राचीन हिन्द वाले॥…
Read Moreहरेक नेशन उठी है यों ही ज़रा तो इतिहास, पढ़ के देखो। न मानो गर…
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