मेरी निगाह में है मोजज़ात की दुनिया
मेरी निगाह में है मोजज़ात की दुनिया मेरी निगाह में है हादिसात की दुनिया तख़ैयुलात…
Read Moreमेरी निगाह में है मोजज़ात की दुनिया मेरी निगाह में है हादिसात की दुनिया तख़ैयुलात…
Read Moreचमने-ख़ार-ख़ार है दुनिया ख़ूने-सद नौबहार है दुनिया जान लेती है जुस्तजू इसकी दौलते-ज़ेरे-मार है दुनिया…
Read Moreये पयाम दे गई है मुझे बादे- सुबहशाही कि ख़ुदी के आरिफ़ों का है मक़ाम…
Read Moreमुझे आह-ओ-फ़ुग़ान-ए-नीम-शब का फिर पयाम आया थम ऐ रह-रौ के शायद फिर कोई मुश्किल मक़ाम…
Read Moreदयारे-इश्क़ में अपना मुक़ाम पैदा कर नया ज़माना नए सुब्ह-ओ-शाम पैदा कर ख़ुदा अगर दिले-फ़ितरत-शनास…
Read Moreन तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए जहाँ है तेरे लिए तू…
Read Moreसच कह दूँ ऐ ब्रह्मन गर तू बुरा न माने तेरे सनम कदों के बुत…
Read Moreगुलज़ारे-हस्ती-बूद न बेगानावार देख है देखने की चीज़, इसे बार-बार देख आया है तू जहाँ…
Read Moreलब पे’ आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी, ज़िन्दगी शमा की सूरत हो ख़ुदाया…
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