प्रीतम जुनि जाऊ परदेश ।
प्रीतम जुनि जाऊ परदेश । ई हेमन्त में एकसर गेने पाएब परम कलेश ॥ शीत…
Read Moreप्रीतम जुनि जाऊ परदेश । ई हेमन्त में एकसर गेने पाएब परम कलेश ॥ शीत…
Read Moreजागू जागू हो ब्रजराज । निशि पति मेला मलिन देखि निशि त्यागल अम्बर लाज ॥…
Read Moreचुम्बक युगल बीच मानो लोह फसिगो सूखी वढ़ी लकड़ी विन पातन सरोज को आयोरी नागरी…
Read Moreसब लोक में उचारुंगा। मेरो प्रान तेरो हाथ तेरो प्रान मेरो हाथ राखि यह वीस…
Read Moreजो तरूता को फल दियो छाया करि विस्तार। करत कुठाराघात तेहि इन्धन बेचन हार।। इन्धन…
Read Moreप्यारे आवि गयो मन मेरो। केसे रहिये कपटी जग मे स्वारथ पर बहुतेरो।। रहत धरम…
Read Moreअरे मन चंचलता तुम त्याग। भटकहु जनु तुम स्वान सदृष धरु कृष्ण भजन अनुराग।। कबहूं…
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