मानुष जन्म महा दुखदाई ।
मानुष जन्म महा दुखदाई । सुख नहिं पावत धनी रंक कोउ कोटिन किये उपाई ।…
Read Moreमानुष जन्म महा दुखदाई । सुख नहिं पावत धनी रंक कोउ कोटिन किये उपाई ।…
Read Moreप्यारे परवीन सों पयारी ने पसारी मान, रूठि मुख फेरि बैठी आरसी की ओर है…
Read Moreआजु दिगम्बर के संग गौरि सुअवसर पेन्हि मचावती घूमे । गावति हे फगुआ अरुनारे, ‘सरोज’…
Read Moreकृष्ण नाम अति प्यारा हमको ॥ कटत पाप सब भाँति उचारे दिन में एकहि बार…
Read Moreलाल तुम भाजत हो क्यों आज ॥ खेलि लेहु फगुआ अब मोसे तजि सब डर…
Read Moreधन्य हमारी माता जग में………धन्यo ॥ तुअ महिमा नहिं बरनि सकत कोउ सुर मुनि शेष…
Read Moreआजु भलो बनि आयो लाल ॥ अंजन अधर पीक पलकन में, सोहत जावक सुन्दर भाल…
Read Moreसहिहो न एती ढिठाई ( लाल तेरी ) ॥ कहि कहि हारि गई सब गोपी,…
Read Moreजाचन कतहू न जैये प्यारे । हाथ पसारत कुल गुन गौरव, ता छन अपन गमैये…
Read Moreसियावर जाते वन को । फकीरी वेश बना तन को ॥ शीस जटा सोहे भली,…
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