जी ढूँढता है घर कोई दोनों जहाँ से दूर
जी ढूँढता है घर कोई दोनों जहाँ से दूर इस आपकी ज़मीं से अलग, आस्माँ…
Read Moreजी ढूँढता है घर कोई दोनों जहाँ से दूर इस आपकी ज़मीं से अलग, आस्माँ…
Read Moreइश्क़ ने दिल में जगह की तो क़ज़ा भी आई दर्द दुनिया में जब आया…
Read Moreकरवाँ गुज़रा किया हम रहगुज़र देखा किये हर क़दम पर नक़्श-ए-पा-ए- राहबर देखा किये यास…
Read Moreमाल-ए-सोज़-ए-ग़म हाए! निहानी देखते जाओ भड़क उठी है शम्मा-ए-ज़िंदगानी देखते जाओ चले भी आओ वो…
Read Moreरफ़्तए-नज़र हो जा, सबसे बेख़बर हो जा। खुल गया है राज़ अपना खुल न जाये…
Read Moreअल्लाह रे एतमादे-मुहब्बत कि आज तक। हर दर्द की दवा है वोह अच्छा किये बगैर॥…
Read Moreतूने करम किया तो ब-उनवाने रंजेज़ीस्त। ग़म भी मुझे दिया तो ग़मे-जाविदाँ न था॥ आ…
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