मारा मारा कहि के (क
मारा मारा कहि के (क) मारा मरा कहि के बाल्मीकि मुनी तरन भये, हम तो…
Read Moreमारा मारा कहि के (क) मारा मरा कहि के बाल्मीकि मुनी तरन भये, हम तो…
Read Moreतीन मुट्ठी चावल लेकर सुदामा को तारे, चंदन लगवाया तो कुब्जा को सुधारा था। बिदुर…
Read Moreमोरा घरे अइलें पहुनवाँ हो दशरथ के लाल। पलकन से पग झारूँ हो दशरथ के…
Read Moreसेबरी दुसाधिन बइठी करेली सगुनवाँ मोरा घरे। अइहें रामजी पहूनवाँ, मोरा घरे। जटा से बहारी…
Read Moreकागको कपूर अवरो मर्कट को भूषण जइसे बहिरे को गीत जइसे गूंगे को फारसी। मूरख…
Read Moreकहाँ मिलिहें मोरा अवध बिहारी हो। खानपान कछु नीको ना लागे तनम न दसा बिसारी…
Read Moreजेठ बइसाखवा के तलफी भुभुरिया ए ननदिया मोरी रे, चलत में पउआँ पिराय ए ननदिया…
Read Moreमाया के नगरिया में लागल बा बजरिया ऐ सोहागिन सुनऽ। चीझवा बिकाला अनमोल ए सोहगिन…
Read Moreअलख निरंजन प्रभु हो तू ही दुखभंजन नीको लागे गंगा तोहरी ल रघुनन्दन हो तू…
Read Moreभजु मन राम नाम उदार। चार दिन के जिन्दगानी झूठ है संसार। हँसत खेलत दिन…
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