भोरहीं के भूखे होइहें चले पग दूखे होइहें
भोरहीं के भूखे होइहें चले पग दूखे होइहें प्यासे मुख सूखे होइहें जागे मगु रात…
Read Moreभोरहीं के भूखे होइहें चले पग दूखे होइहें प्यासे मुख सूखे होइहें जागे मगु रात…
Read Moreकोमल कुमार गात देखि कामहुँ लजात सोई पछितात जात कइसे बन रहिहें। बाघ सिंह सूकर…
Read Moreसभवा बइठल राजा दशरथ दरपन मुँह देखेले हो। ललना सरवन समीप श्वेत केश भइलें चउथापन…
Read Moreअवध नगरिया से अइली बरियतिया सुनुरे सजनी। जनक नगरिया भइलें सोर सुनु रे सजनी। चलु-चलु…
Read Moreजेवहीं बइठेलें दुलहा महादेव संगे लेले भूत बैतालवा हो लाल। गारी सुनत इनका लाजो ना…
Read Moreअतना बता के जइहऽ कइसे दिन बीती राम। हमनी का रहब जानी दुनू हो परानी।…
Read Moreघोड़वा चढ़ल उइलें राम जी पहुनवाँ अँचरवा उड़ि-उड़ि जाला हो लाल। कइसे के आईं सखी…
Read Moreराम लखन मोरा बनके गवन कइलें देखहुँ के भइले सपनवाँ हो लाल। कवने विरिछ तरे…
Read Moreकोहबर में अइलें राम इहो चारों भइया। से हमनी के मोहलें परानवाँ हो लाल। एक…
Read Moreकर जोरी पूछेली जात के भीलीनियाँ से हमरा के छोड़िके कहाँ जइबऽ हो लाल। बटिया…
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