चढली जवनिया के विरहिनिया ए हरी।
चढली जवनिया के विरहिनिया ए हरी। हरि हो केकरा से कहीं दिल के बतिया ए…
Read Moreचढली जवनिया के विरहिनिया ए हरी। हरि हो केकरा से कहीं दिल के बतिया ए…
Read Moreऊधो तुम सूधो हाये चले जाहू गोकुल से उठत है कलेजा पीर बाते करत स्याम…
Read Moreललित कलित कुसुमिति वन फूले पपिहा धूम मावे री। हरि लतान बितान सुहावन नव पललव…
Read Moreमाघ ले जनवरी जरूर कहे आवन को फागुन फरवरी मनभावन नहीं आयो री। चइत चारू…
Read Moreमिथिला सहरिया के पतरी तिरियवा हाय रे सँवरिया लाल। राखेली नयनवाँ में लोभाय हाय रे…
Read Moreमँड़वा में अइलें राम जी इहों चारो भइया हाय रे सँवरियो लाल। अंगना भइलें उजियार…
Read Moreएसो के सवनवाँ जोबनवाँ रहि-रहि उमकेला घटा गरजेला घन घोर देवरा जोगिया कारे-कारे बदरा हरि…
Read Moreघूमि-फिरी अइलों रामा अंगना बहरलों से जिया माने ना। बिना देखे रे सजनवाँ से जिया…
Read Moreचकुनी जे हथिया पर बइठे राजा दशरथ हे। मुँहे खालें पानवाँ निहारे ले बरतिया हे।…
Read Moreमोरा राम दुनू भइया राम से बनवाँ गइलें ना अवध नगरिया के निपटे बिसरलें से…
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