कींधौ वह देस में सनेस ही मिलत नाही
कींधौ वह देस में सनेस ही मिलत नाहीं कीधौं प्राण प्यारे वो हमारे कुछ रीस…
Read Moreकींधौ वह देस में सनेस ही मिलत नाहीं कीधौं प्राण प्यारे वो हमारे कुछ रीस…
Read Moreपपीहा रे पीऊ की बोली ना सुनाव। मेरो पिया परदेस गए हैं ओही देस में…
Read Moreबदरा क्यों गरजे घनघोर सजनवाँ अइलें नाही मोर। कोयल कुहुके ऐ सखी, करे पपीहरा शोर।…
Read Moreहे कचनार कदंब अनार रसाल तमाल गुलाल सुपारी। अमला अमरूध के चूत सभे ओलतान वितान…
Read Moreगरजत असाढ़ मास पागल घन घोर चहुँ सावन मनभावन मोरे जीव को डेरावत है भादो…
Read Moreसावन में कन्हइया जरूर कहे आवन की आयो नहीं कान्हा रात तड़पत बितायो री। भादो…
Read Moreकृष्ण कन्हइया मोरा संग के खेलवना कि हमनी के तेजि के कहाँ गइलें हो लाल।…
Read Moreदगा दे के ना हो स्याम दगा दे के ना। स्याम गइलेंऽ मधुबनवाँ राम से…
Read Moreदगा दे के ना हो स्याम दगा दे के ना। स्याम गइलेंऽ मधुबनवाँ राम से…
Read Moreगोखुला नगरिया में बाजेला बधइया से जनमेलें कुँवर कन्हाई हो लाल। तबला मृदंग बाजे नाचेला…
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