सियावर काल्हे सखी चलि जइहें।
सियावर काल्हे सखी चलि जइहें। अवध नरेश सनेस पेठाए डेरा कूच हो जइहें। सारी महलिया…
Read Moreसियावर काल्हे सखी चलि जइहें। अवध नरेश सनेस पेठाए डेरा कूच हो जइहें। सारी महलिया…
Read Moreअब त राम जी पहुनवाँ हमार भइलें राम। गारी के हमनी के सुतार भइलें राम।…
Read Moreसोरहो सिंगार करि चलु रे सहेलिया से देखि आई राम चारो भइया हो लाल। कलंगी…
Read Moreफूल तूड़े गइनीं राम राजा जी के बगिया बनवारी हो मिली गइलें राजा के कुमार।…
Read Moreचम्पा की चमक चारू केतकी कमाल करे चोटिन में गुलाब गूंथे अधर ललाई है। मेंहदी…
Read Moreलागी रे बालेपन से नजरिया हो। जब से लगी मोहे चैन ना आवे चितवत मारी…
Read Moreचपला सी चमक चारू सुन्दर सोहावन स्याम राम अभिराम कोटि काम छवि वारे हैं। गोर-गोर…
Read Moreकब मिलिहें पियवा हमार निरमोहिया रे, कब मिहें पियवा हमार। बइठल करीं हम मन मे…
Read Moreसपना में देखलीं सखिया स्याम के अवनवाँ ए सहेलिया मोरी रे। नाहीं अइलें स्याम हमार…
Read Moreसूतल सेजरिया सखिया देखेली सपनवाँ निरमोही कान्हा बंसिया बजावेलें हो लाल। सब सखी मिली जुली…
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