लटपटात गिरत जात धाय-धाय शिथिल गात,
लटपटात गिरत जात धाय-धाय शिथिल गात, जात-पाँत कुल की बात बाँसुरी भुलायो री। बिन्दु श्रम…
Read Moreलटपटात गिरत जात धाय-धाय शिथिल गात, जात-पाँत कुल की बात बाँसुरी भुलायो री। बिन्दु श्रम…
Read Moreमधुबनवाँ से मोर कान्हा अइहे कि दू ना। साँवली सुरतिया फेर देखइहे कि दू ना।…
Read Moreदेखहूँ के भइले सपनवाँ हो मोरा स्याम सुन्दर के। कुबरी से प्रीत कइलें हमनी के…
Read Moreमैं कैसे ऊधो जोगिन भेस बनइहों। कर कंगन को काह करूँ मैं वेनी शीश दुरैहों।…
Read Moreझूले नवल राधे श्याम। कोकिला कल कंठ गावत बैठी विटप लतान। मोर वन वन शोर…
Read Moreहोते पराते चलि जइहो मोरे राजा। तनिक भर बोल बतिया लऽ मोरे राजा। रचि-रचि जेवना…
Read Moreहोते पराते चलि जइहो मोरे राजा। तनिक भर बोल बतिया लऽ मोरे राजा। रचि-रचि जेवना…
Read Moreमोरा राम दुनू भइया से बनवाँ गइले ना/मोरा अवध नगरिया के निपटे बिसरलें से सपनवाँ…
Read Moreपातर-पातर गोरिया के पतरी कमरिया मोर सँवरिया रे पतरी डगरीया धइले जाय। पातर लप-लप गोरी…
Read Moreमारो ना कोई ललन पर टोना। मिथिला पुर के सखिया सेयानी आपन संभार लेहु नैना।…
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